लखनऊ का चिडियाघर शहर के बीचोंबीच स्थित है। जिसका क्षेत्रफल 72 एकड़ है। और यह जगह लखनऊ आने वाले पर्यटकों के लिए बेहद खास है। एक अनुमान के मुताबिक , इस चिडियाघर में हर साल लगभग दस लाख पर्यटक आते है। इस चिडियाघर में कई प्रकार के जानवर भी पाएं जाते हैं।
साथ ही इस चिडियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, शेर भेडिया, हिमालया काला भालू, गैंडा, काला हिरण, जेब़रा, मैना, एशियाई हाथी, जिराफ,विशाल गिलहरी और कई अन्य तरह के जानवर यहां देखने को भी मिलते है। इनके अलावा, हिरन, काला तीतर, सफेद बाघ और काले हिरन भी यहां देखे जा सकते है।
लखनऊ के चिडियाघर में टॉय ट्रेन भी है जिसमें बच्चे और बड़े दोनों आनंद उठा सकते है। इस ट्रेन में एक इंजन और दो डिब्बे है, इस रेल को रेलवे बोर्ड द्वारा उपहार में दिया गया था। इस ट्रेन का ट्रैक 1.5 किलोमीटर है। यह ट्रेन चंदेरपुरी स्टेशन से चलकर जू के सभी स्थानों से होकर गुजरती है।
साथ ही इस चिडियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर, शेर भेडिया, हिमालया काला भालू, गैंडा, काला हिरण, जेब़रा, मैना, एशियाई हाथी, जिराफ,विशाल गिलहरी और कई अन्य तरह के जानवर यहां देखने को भी मिलते है। इनके अलावा, हिरन, काला तीतर, सफेद बाघ और काले हिरन भी यहां देखे जा सकते है।
लखनऊ के चिडियाघर में टॉय ट्रेन भी है जिसमें बच्चे और बड़े दोनों आनंद उठा सकते है। इस ट्रेन में एक इंजन और दो डिब्बे है, इस रेल को रेलवे बोर्ड द्वारा उपहार में दिया गया था। इस ट्रेन का ट्रैक 1.5 किलोमीटर है। यह ट्रेन चंदेरपुरी स्टेशन से चलकर जू के सभी स्थानों से होकर गुजरती है।
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